है गर्दिशों में रौशन वो शमां कहीं,

सब कुछ तो है पर तेरे निशां नहीं,

है समंदर में कस्ती पर दिशा नहीं,

है बेरुख हवा बनी वो तूफां कहीं,

बेइंतहां इश्क़ करते हैं तुमसे हम,

मगर मुझे इसका कभी गुमां नहीं।


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✍️ Hritik Raushan ©️

       [ @hritik040 ]

16 September 2022, 07:24 PM


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