मैं कभी जो चाहूं तुम्हें...

कभी जो चाहूं करूं मैं बातें, लफ्ज़ बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं तुम पे लिखूं, नज़्म बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं नींद में मिलना, ख्वाब बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं चुमूं लूं तुम्हें, मेरे होंठ बन जाओ तुम।


कभी जो चाहूं भटकूं कहीं, मेरी राहें बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं लिपटूं तुमसे, मेरी बाहें बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं पा लूं तुम्हें, मेरी आदत बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं तुझमें जीना, मेरी याद बन जाओ तुम।


कभी जो चाहूं रोक लूं तुम्हें, मेरे ही पास रह जाओ तुम,

कभी जो चाहूं करूं उम्मीदें, मेरी आस बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं साथ तुम्हारा, मेरा बनके रह जाओ तुम,

कभी जो चाहूं तुम्हें मनाऊं, मेरी बात समझ जाओ तुम।


कभी जो चाहूं पलभर राहत, मेरी चाहत बन जाओ तुम,

कभी जो चाहूं नज़रें मिलाऊं, आंखों में बस जाओ तुम,

मेरी ख्वाहिश, मेरी आदत मेरी चाहत बस इतनी सी है,

ज़िंदगी के सफ़र मेंआखिर तक मेरा साथ निभाओ तुम।


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✍️ Hritik Raushan ©️

        [ @hritik040 ]

14 October 2022, 09:54 PM

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